मध्यप्रदेश के 23 हजार से ज्यादा पंचायत सचिव सोमवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे। इसे लेकर उन्होंने 14 दिन का आकस्मिक अवकाश भी लिया है। संगठन के पदाधिकारियों का दावा है कि हड़ताल पर जाने से पंचायतों में तालाबंदी की नौबत बनेगी। इससे लोगों के कई काम भी अटक जाएंगे। वेतन समेत अन्य मांगें पूरी नहीं होने के कारण वे आंदोलन का रास्ता अपना रहे हैं। कई जिलों में भूख हड़ताल भी करेंगे।
मध्यप्रदेश पंचायत सचिव संगठन के बैनरतले यह प्रदर्शन होगा। प्रदेश अध्यक्ष दिनेश शर्मा ने बताया कि जुलाई-अगस्त-21 में पूरे प्रदेश में एक महीने के लिए आंदोलन किया था। तब शिवराज सरकार ने 10 अगस्त-21 को सभी मांगों को लेकर आदेश जारी करने की बात कही थी, लेकिन इसे दो साल बीतने को आए हैं। बावजूद अब तक एक भी मांग पूरी नहीं की गई है। इससे नाराजगी हैं और अब आने वाले दिनों में उग्र आंदोलन करने से भी पीछे नहीं हटेंगे।
सचिवों की यह मांगें
- पंचायत सचिवों का विभाग में संविलियन हो
- 2018 से एरियर सहित 7वां वेतनमान दिया जाए
- 6वें वेतनमान की गणना नियुक्ति दिनांक से हो
- अनुकंपा नियुक्ति के आदेश का सरलीकरण कर 100% नियुक्तियां करें
- सहायक सचिवों का जिला संवर्ग में संविलियन किया जाए
- निश्चित वेतनमान दिया जाए
पांच महीने से नहीं मिला वेतन
प्रदेश अध्यक्ष शर्मा ने बताया कि सचिवों को 5 माह से वेतन नहीं मिला है। यह मांग उठाने के लिए 16 मार्च को भोपाल में जुटे थे, लेकिन आंदोलन की परमिशन ऐनवक्त पर निरस्त कर दी गई।
लाड़ली बहना योजना का भी बहिष्कार
संगठन के पदाधिकारियों ने बताया कि पंचायत सचिव लाड़ली बहना योजना का भी बहिष्कार करेंगे। वहीं, हड़ताल से सभी काम ठप हो जाएंगे।