तस्वीर में दिख रही मां-बेटे की जोड़ी का ये अंदाज भले ही फिल्मी लगे, लेकिन इनकी कहानी असली है। कहानी शुरू होती है आज से 11 साल पहले। रानी (परिवर्तित नाम) तब 13 साल की थी। खुशहाल जिंदगी जी रही थी। अचानक एक दरिंदा आया और उसकी जिंदगी उजाड़ गया। उसके साथ दुष्कर्म हुआ। रानी गर्भवती हुई और बेटे को जन्म दिया। आज बेटा 10 साल का है और 4 मई 2022 से एक परिवार की आंखों का लाल है। आज रानी के पास पति और बेटे के पास पिता है। इन्होंने रेप विक्टिम रानी को बेटे के साथ ही अपनाया है।
भोपाल में ये ट्रेंड नया है। शेल्टर होम में रह रही रेप पीड़िताओं से शादी करने के लिए युवक खुद आगे आ रहे हैं। दो की शादी हो चुकी है और 4 का रिश्ता दिसंबर में पूरा हो जाएगा। प्रदेश में भी ऐसी 4 शादियां हो चुकी हैं। महिला एवं बाल विकास विभाग भोपाल संभाग की संयुक्त संचालक नकी जहां कुरैशी बताती हैं कि पहले लड़के ऐसी लड़कियों के बारे में सोचते भी नहीं थे, इसलिए पीड़िताओं के अतीत को छिपाना पड़ता था।
बायोडाटा में लिखते हैं रेप विक्टिम
2018 की एक घटना है, जिसमें एक रेप पीड़िता ने शादी के एक साल बाद जब पति को आपबीती बताई तो वो उसे शेल्टर होम छोड़ गए। इस घटना के तुरंत बाद बाल कल्याण समिति के तत्कालीन सदस्य राजीव जैन ने सभी शेल्टर होम को निर्देश दिए कि इन पीड़िताओं का अतीत न छिपाएं, तभी से इनके बायोडाटा में रेप विक्टिम लिखा जाने लगा। निर्भया शेल्टर होम के संचालक अफजल खान ने बताया कि पहली मुलाकात में ही रेप पीड़िता अपनी बीती जिंदगी लड़के को बताती है। ये नया दौर है। लड़के सिर्फ वर्तमान और भविष्य को देख रहे हैं।