गर्मी का एहसास कराने वाला मार्च मानसून जैसा बीत रहा है। बीते 24 घंटे से मध्यप्रदेश के ज्यादातर हिस्से में बेमौसम बारिश फसलों पर कहर बरपा रही है। प्रदेश के 36 जिलों के 100 से ज्यादा कस्बों में रविवार को भी बारिश हुई। जबकि 21 जिलों के 50 कस्बों में ओले गिरे। ओलों के कारण फसलें बुरी तरह खराब हो रही हैं।
इंदौर में शनिवार रात से लेकर रविवार तक रुक-रुककर बारिश होती रही। पारा 5 डिग्री तक गिर गया। वहीं शिप्रा इलाके में बिजली गिरने से 17 साल के छात्र सचिन पटेल की मौत हो गई। देश की बात करें तो गुजरात के उना में 5 इंच बारिश हुई। दिल्ली, यूपी, महाराष्ट्र, राजस्थान, पंजाब, कर्नाटक, तमिलनाडु कुछ हिस्सों में बारिश हुई, जबकि जम्मू-कश्मीर के साथ ही पूर्वोत्तर में बर्फबारी हुई।
कहां-कितना नुकसान
- मंदसौर – गेहूं, इसबगोल, सरसों में 50% नुकसान।
- खंडवा – जिले में गेहूं की 50%, चना-मक्का की 60% और प्याज की 50% फसल को नुकसान।
- बुरहानपुर – 40 से ज्यादा गांवों में फसलें तबाह। जिले में 20% फसलों को नुकसान हुआ है।
- खरगोन – 30 गांवों में ज्यादा नुकसान, अफसर बोले- सिर्फ 10 से 30% ही नुकसान।
- ग्वालियर – 15 गांवों में नुकसान, 5 गांवों में फसल 80% तक खराब।
- विदिशा – 24 गांवों में चना और धनिया की 50% फसल खराब। गेहूं को 45% तक नुकसान।
- रायसेन – 70 गांव में फसलों को नुकसान। पहरिया गांव के किसान हरप्रसाद लोधी की सदमे से मौत।
आगे क्या- मौसम विशेषज्ञ अजय कुमार शुक्ला के मुताबिक इस बार का मार्च बगैर तपे ही बीत जाएगा। 21 से 23 मार्च के बीच तापमान में कुछ इजाफा होगा, लेकिन 24 मार्च से फिर एक विक्षोभ सक्रिय हो जाएगा।