विक्रम विश्वविद्यालय शासन को दस करोड़ रूपए देगा ,विश्वविद्यालय की आपातकालीन कार्यपरिषद की बैठक में हुआ निर्णय

विक्रम विश्वविद्यालय शासन को शिक्षक, अधिकारी व कर्मचारियों के पेंशन अंशदान के लिए करीब दस करोड़ रूपए देगा। शनिवार को सुबह वित्त समिति की बैठक के बाद दोपहर में आपातकालिन कार्यपरिषद की बैठक में वित्तीय स्वीकृति ली है। कुलपति ने कहा कि शासन से पत्र के आधार पर निर्णय लिया है।

विश्वविद्यालय के शिक्षक, अधिकारी, कर्मचारियों की सातवे वेतनमान से पेंशन देने की मांग के आधार पर शासन ने विश्वविद्यालय से पेंशन अंशदान देने के लिए पत्र लिखा था। विक्रम विश्वविद्यालय मेें पत्र आने के बाद वित्तीय स्वीकृति ली जाना थी। कुलपति प्रो. अखिलेश कुमार पांडे ने बताया कि शनिवार को सुबह वित्त समिति के एप्रुवल के बाद दोपहर में आपातकालिन कार्यपरिषद की बैठक बुलाकर शासन को देने के लिए करीब 10 करोड़ की राशि का अनुमोदन लिया है। एक मात्र बिंदू के अलावा अन्य किसी विषय पर चर्चा नही हुई है। कार्यपरिषद की बैठक में संजय नाहर, सचिन दवे, विनोद यादव, कुलसचिव डॉ. प्रशांत पौराणिक व अन्य सदस्य मौजूद थे। गौरतलब है कि प्रदेश के विश्वविद्यालयों में 2 जून से शुरू हुई अनिश्चितकालीन हड़ताल के बाद भोपाल में उच्च शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के साथ संयुक्त संघर्ष समिति के पदाधिकारियों की बैठक हुई थी। जिसमें राज्य कर्मचारियों के समान सातवें वेतनमान में पेंशन पर अपर सचिव द्वारा आश्वासन दिया गया कि अगले तीन माह में सकारात्मक प्रस्ताव प्रस्तुत कर मंत्रिपरिषद के निर्णय अनुसार क्रियान्वयन किया जाएगा। वहीं विश्वविद्यालयों से सहमति अनुसार राशि प्राप्त होने पर जून 2023 में छठवें वेतनमान के अनुसार पेंशन पर 201 प्रतिशत डीए के साथ पेंशन का आदेश जारी किया जाएगा। बैठक के बाद संघर्ष मोर्चा समिति के पदाधिकारियों ने विश्वविद्यालयों की हड़ताल स्थगित कर दी है।

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