ग्वालियर में उस वक्त हड़कंप मच गया, जब सीवर की सफाई करने चैंबर में उतरे दो सफाईकर्मियों की जहरीली गैस से मौत हो गई। परिजनों का आरोप है कि सफाई कराने पहुंचे ठेकेदार और सुपरवाइजर वहां से भाग गए। अन्य सफाईकर्मियों ने दोनों को सीवर चैंबर से निकालकर सीपीआर देने की कोशिश की, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ।
कर्मचारियों को बिरला नगर अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां डॉक्टर्स ने दोनों को मृत घोषित कर दिया। घटना की जानकारी लगते ही ऊर्जा मंत्री तत्काल अस्पताल पहुंचे। उन्होंने परिजनों को सरकार की तरफ से 10-10 लाख रुपए का मुआवजा दिलाने और एक-एक सदस्य को आउटसोर्स की नौकरी देने का भरोसा दिया। पुलिस ने ठेकेदार के खिलाफ FIR दर्ज कर ली है।
निगम ठेकेदार की बड़ी लापरवाही
ग्वालियर में नगर निगम की लापरवाही का एक बड़ा प्रमाण सामने आया है। कोर्ट के सख्त आदेश के बाद भी सफाई ठेकेदार ने सफाईकर्मियों को सीवर चैंबर साफ करने के लिए नीचे उतार दिया। नीचे गया एक कर्मचारी जब वापस नहीं आया, तो उसे देखने के लिए दूसरा कर्मचारी सीवर में उतरा, फिर वो भी वापस नहीं आया।
10-10 लाख रुपए के मुआवजे का ऐलान, दोषियों पर कार्रवाई का भरोसा
ऊर्जा मंत्री ने कहा, इस घटना में जो कोई भी जिम्मेदार होगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। लापरवाही करने वाला बचेगा नहीं।’ उन्होंने घोषणा करते हुए कहा, ‘मृतकों के परिजनों को 10-10 लाख रुपए की सहायता राशि दिलाई जाएगी। साथ ही एक-एक सदस्य को नगर निगम में आउटसोर्स के तहत नौकरी दी जाएगी