इस्कॉन मंदिर की रथ यात्रा के लिए भगवान श्री कृष्ण बलभद्र और सुभद्रा के लिए ढाई लाख की पोशाक तैयार की जा रही है। इसके लिए इस्कॉन मंदिर में बीते एक महीने से बंगाल से आए कारीगर दिन रात मेहनत कर रहे हैं। खास है कि भगवान मुंबई और दिल्ली में सिल्क और मोती से बनी पोशाक भगवान को अर्पित की जाएगी। रथयात्रा के दिन भगवान जगन्नाथ के रथ को विशेष रूप से सजाया जाएगा।
20 जून को इस्कॉन मंदिर की रथ यात्रा बुधवारिया से निकलकर शहर भ्रमण करती हुई इस्कॉन मंदिर पहुंचेगी। पीआरओ राघव पंडित दास ने बताया कि स्नान भगवान जगन्नाथ बीमार हो गए हैं। मंदिर के भीतर एकांतवास में पुजारी उनके शीघ्र स्वास्थ्य लाभ के लिए उपचार कर रहे हैं। 20 जून को भगवान स्वस्थ होंगे। रथ पर सवार होकर भक्तों को दर्शन देने निकलेंगे। इस दिन भगवान राजसी पोशाक धारण करेंगे। जिसको कोलकाता व वृंदावन और उज्जैन के कारीगर मिलकर बना रहे हैं, जिसकी कीमत करीब ढाई लाख रुपए है।
मुम्बई दिल्ली से खास धागा और कपड़ा मंगवाया
भगवान जगन्नाथ, बहन सुभद्रा व बलदेवजी के लिए नई पोशाक बनाने में जुटे 15 से अधिक कारीगर बंगाल वृंदावन और उज्जैन के हैं। पोशाक के लिए विशेष रेशम का उपयोग किया गया है। निर्मला दास ने बताया कि मुंबई और दिल्ली से हीरे मंगवाए गए हैं। तीन रंगों सफेद, हरा और गुलाबी रंग का रेशमी कपड़ा मुम्बई से मंगवाया गया है। मुंबई का धागा और दिल्ली से सिल्क का कपड़ा और बनारस से अन्य सामान मंगवाकर कार्य शुरू किया। आज भगवान की ड्रेस तैयार होने में अपने अंतिम दौर में दिखाई दे रही है। हर बार हम नया डिजाइन तैयार करते हैं। रत्न जड़ित पोशाक आभूषण और मुकुट 18 जून तक बनकर तैयार कर ली जायेगी।
हाथो से नक्काशी कर खूबसूरत वस्त्र तैयार हो रहा है-
भगवान की ड्रेस के लिए निर्मला नंददास, पंकज दास, विजय, बाबुसोना, षट्भुज प्रकाश, ब्रजेन्द्र, दीवाकर दीप सहित अन्य कारीगर दिन रात भगवान के वस्त्र बनाने में जुटे हैं। ये सभी हाथो से नक्काशी और कारीगरी कर खूबसूरत वस्त्र भगवान के लिए बना रहे हैं। भगवान के लिए बनाई जाने वाली ड्रेस में लगने वाला मटेरियल आमतौर पर बिकने वाले सिल्क से चार गुना महंगा सिल्क होता है।