इंदौर के भंवरकुआ इलाके की एक होटल में व्यापारी ने गुरुवार रात फांसी लगाकर जान दे दी। उसने पांच पन्ने का सुसाइड नोट भी लिखा है। जिसमें उसने एक एसआई और एसटीएफ में पदस्थ एक सिपाही सहित आधा दर्जन लोगों के नाम लिखे हैं। व्यापारी ने नोट में लिखा है कि उसे झूठे केस में फंसाने के बाद लाखों रुपए वसूले गए थे। अब धमकाकर उससे पत्नी के जेवर तक मांग रहे थे। फिलहाल पुलिस ने सुसाइड नोट जब्त किया है। मामले में अफसर जांच में जुट गए हैं।
भंवरकुआ पुलिस के मुताबिक गुरुवार रात उन्हें सूचना मिली कि आईटी पार्क के पास होटल द ग्रांड में राजीव पुत्र सुधीर प्रसाद शर्मा निवासी रायल बंग्लो ने सुसाइड किया है। जिसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची। कमरे में पुलिस को एक सुसाइड नोट मिला। जिसमें पुलिस के एसआई महेश चौहान और एसटीएफ के सिपाही प्रशांत परिहार, जिस बिल्डिंग में राजीव अपना शोरूम संचालित करते थे उसके मालिक अशोक गोयल और दुकान के कर्मचारी विकास जड़िया और उसकी मां नर्मदा बाई कई लोगों के नाम लिखे हैं। नोट में लिखा है कि उस पर झूठा प्रकरण बनाकर दोनों ने जेल भेज दिया। उससे लाखों रुपए लेने के साथ ही जेवर भी रख लिए। जिसके कारण वह कर्ज में दब गया। अभी भी प्रशांत और नरेन्द्र उस से रुपए की मांग कर रहे हैं। उसकी त्नी के जेवर बेचकर रुपए देने की बात कर रहे हैं।
ऐसे फंसता गया कर्ज के जाल में
मृतक के परिजन ने दैनिक भास्कर को बताया कि 2021 में राजीव के यहां काम करने वाले विकास जड़िया ने राऊ स्थित सिलिकॉन सिटी के घर का फर्जी दस्तावेजों के जरिए 40 लाख रुपए में सौदा करने का करार नामा बनाकर राजीव पर घर का कब्जा सौंपने का दबाव बनाया। मकान का कब्जा देने से इनकार करने पर राजीव और उसकी पत्नी निशा राज के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज करा दिया। इस मामले में एसआई महेश चौहान और एसटीएफ के सिपाही प्रशांत परिहार ने उस पर और भी फर्जी मामलों में फंसाने का दबाव बनाया। इस पर राजीव ने अशोक गोयल के पास पत्नी के जेवर गिरवी रख 20 लाख रुपए महेश और प्रशांत को दिए। इस मामले में दंपती को जेल भेज दिया गया था। इसमें से पत्नी की जमानत पहले हो गई थी। वहीं राजीव को जनवरी 2023 में जमानत मिली थी। जेल से बाहर आने के बाद राजीव ने अशोक गोयल के 20 लाख रुपए ब्याज सहित लौटा दिए थे। लेकिन अशोक जेवर वापस देने में आनाकानी कर रहा था। इससे तनाव में आकर मृतक कुछ महीने पहले भी सुसाइड करने की कोशिश कर चुका था। उस समय आरोपी पुलिसकर्मियों ने मामला रफा-दफा करा दिया था। लेकिन अब वे फिर से राजीव पर पैसों को लेकर दबाव बना रहे थे।