विश्व आदिवासी दिवस पर पारंपरिक वेशभूषा में निकाली रैली – आदिवासी समाज पर हो रहे अत्याचार व घटना को लेकर ज्ञापन सौंपा

आदिवासी समाज द्वारा 9 अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस धूमधाम से न मनाते हुए सम्पूर्ण भारत में निवासरत आदिवासियों की संस्कृति व पहचान, जल, जंगल और जमीन के संरक्षण व संवैधानिक व्यवस्थानुसार आदिवासियों के अधिकार सुनिश्चित करने एवं आदिवासियों के साथ हो रहे घटनाओं के विरोध स्वरूप रैली निकाल कर राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा।

महाकाल आदिवासी लोक कल्याण समिति के अध्यक्ष डॉ. हटेसिंह मुवेल ने बताया कि संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा घोषित 9 अगस्त विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर सम्पूर्ण उज्जैन आदिवासी समाज द्वारा बुधवार को टॉवर चौराहे पर स्थित डॉ. भीमराव अम्बेडकर प्रतिमा पर माल्यार्पण करने के बाद रैली निकाली गई। शहर के सभी आदिवासी भाई-बहनों, बच्चों द्वारा अपनी पारम्परिक वेशभूषा में एकत्रित होकर पैदल मौन रैली के रूप में टॉवर चौराहा से प्रारम्भ होकर शहीद पार्क , पुलिस कन्ट्रोल रूम, कालिदास अकादमी होकर कोठी पैलेस में राष्ट्रपति महोदया के नाम से ज्ञापन सौंपा गया। ज्ञापन में कहा गया कि सम्पूर्ण भारत में निवासरत आदिवासियों की संस्कृति व पहचान, जल, जंगल और जमीन के संरक्षण के लिए संवैधानिक व्यवस्थानुसार आदिवासियों के अधिकार सुनिश्चित करने, विभिन्न प्रदेशों में आदिवासियों पर किए जा रहे अत्याचार एवं शोषण के विरूद्ध कार्यवाही करने व असंवैधानिक कानूनों पर तत्काल रोक लगाने की मांग की है। रैली के विश्वविद्यालय के सामने पहुंचने पर कुलपति प्रो. अखिलेश कुमार पांडे, कुलसचिव प्रज्वल खरे, अधिकारी व कर्मचारी संघ के पदाधिकारियों ने पुष्प वर्षा कर रैली में शामिल आदिवासियों का स्वागत किया।

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