कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में जूनियर डॉक्टर के साथ हुए दुष्कर्म और हत्या के मामले ने न केवल मेडिकल समुदाय को, बल्कि पूरे देश को हिला कर रख दिया है। डॉक्टरों के साथ-साथ आम जनता भी इस घटना से आक्रोशित है। देशभर में डॉक्टरों ने इस भयानक अपराध के विरोध में हड़ताल पर जाने का फैसला किया है, जिससे स्वास्थ्य सेवाओं पर भी बड़ा असर पड़ा है।अमलतास मेडिकल कॉलेज के छात्रों ने इस घटना के खिलाफ अपनी आवाज उठाने के लिए एक शांतिपूर्ण मोमबत्ती मार्च का आयोजन किया। इस मार्च में बड़ी संख्या में छात्र-छात्राओं और डॉक्टरो ने हिस्सा लिया और कैंडल्स जलाकर, मृतक डॉक्टर के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त कीं। उन्होंने इस मामले में न्याय की मांग की और सरकार से अपील की कि दोषियों को सख्त से सख्त सजा दी जाए। इस मोमबत्ती मार्च का मुख्य उद्देश्य पीड़िता के लिए न्याय की मांग करना था, साथ ही डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा को लेकर भी सवाल उठाना था। छात्रों ने जोर देकर कहा कि डॉक्टर, जो समाज की सेवा में दिन-रात जुटे रहते हैं, उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करना सरकार की जिम्मेदारी है। यदि डॉक्टर सुरक्षित नहीं रहेंगे, तो समाज का हर व्यक्ति खतरे में रहेगा। इस घटना ने चिकित्सा समुदाय के भीतर गहरी चिंता और असुरक्षा की भावना पैदा कर दी है। अमलतास मेडिकल कॉलेज के छात्रों ने यह स्पष्ट किया कि वे इस मुद्दे पर चुप नहीं बैठेंगे और जब तक न्याय नहीं मिलता, तब तक संघर्ष जारी रहेगा। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि सरकार को स्वास्थ्य क्षेत्र में काम करने वाले पेशेवरों की सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए। यह शांतिपूर्ण मार्च न केवल न्याय की मांग का प्रतीक था, बल्कि एक संदेश भी था कि अमलतास मेडिकल कॉलेज के छात्र और डॉक्टर इस घटना को लेकर गंभीर हैं और समाज में बदलाव लाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने पीड़िता के परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि इस लड़ाई में वे अकेले नहीं हैं, पूरा देश उनके साथ खड़ा है।