आगर बैजनाथ धाम गेट के पास सर्व समाज आगर द्वारा आयोजित भागवत कथा के तृतीय दिवस का आज समापन हुवा । तृतीय दिवस की कथा में कड़कड़ाके की ठंड में सेकडो़ श्रद्धालुओ ने भागवत कथा रस पान किया
व्यास पिठ पर विराजित गुरूदेव श्री प्रेमनारायण जी गेहूंखेडी़ के श्री मुख से आयोजित कथा में गुरुजी ने जीवन जीने की विभिन्न कलाये सिखाइ ,उन्होने गाय,भैंसों ,के उदाहरण से समझाया कि परिवार में रहने वाले सभी लोगो का स्वभाव अलग अलग रहता है पर जिस प्रकार गाय और भैंस अलग अलग स्वभाव होकर ऐक हि घर में व ऐक मालिक के पास रहती है ऐसे हि मनुष्य भी अलग स्वभाव के होते है पर बिना भेद भाव से ऐक घर में खुशी खुशी रहना चाहिये तथा जैसे शिवजी के घर में पार्वती जी की शेर की सवारी ,शिवजी जी नन्दी व ,गणेश जी की मुशक साथ ही कार्तिकेय जी की गरूड़ की सवारी ये सभी विपरीत गुण धर्म के पशु ऐक हि जगह रहते है व कोइ नुकशान नहीं पहुंचाते ऐसे हि हम भी विपरीत गुण धर्म के समाज में रहते हुये ,छोटे-बडे़ का भेद भाव नहीं करना चाहिए
उन्होने कहा कि मैरा परिवार खराब है यह शिकायत कभी नी करना हैं