शिक्षक ज्ञान का सागर,सेवानिवृत्ति होने पर किया शिक्षक शर्मा का सम्मान।
भविष्य दर्पण घनश्याम भदौरिया
सतवास-नन्हे-मुन्नो को ककहरा से लेकर जीवन की हर परिस्थती से जुझने की सीख देने में शिक्षको की महत्वपूर्ण होती हैं।शिक्षको के मार्गदर्शन में ही बच्चे अपने उज्जवल भविष्य की रूपरेखा तैयार करते है।जिस प्रकार कुम्हार मिटटी को तपाकर धड़ा तैयार करता हैं उसी प्रकार शिक्षक भी अपने मेहनत और लगन से बच्चो के जीवन को संवारने के लिये संकल्पित होते है।शिक्षक ही ज्ञान का सागर होता है।40 वर्षो तक सेवा देनेवाले ज्ञानचंद्र शर्मा एक आदर्श व समय के पाबंद शिक्षक रहे उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा।यह बात सेवानिवृत्त शिक्षक संध अध्यक्ष प्रकाश सोलंकी ने सोमवार को स्थानीय प्राथमिक विद्यालय भैरूपुरा में पदस्थ शिक्षक ज्ञानचंद्र शर्मा की सेवानिवृत्ति के अवसर पर सेवानिवृत्त शिक्षक संध द्वारा आयोजित सम्मान समारोह में कही।कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्राचार्य राजेश जोशी ने कहा की शिक्षक अपने सेवाकाल में तो राष्ट्र की सेवा करते हुये बच्चो के भविष्य का निर्माण करता हैं साथ ही वह समाज का भी मार्ग प्रशस्त करता हैं।शिक्षक की सेवा का सम्मान करना हमारी परम्परा के साथ कर्तव्य हैं। आयोजित कार्यक्रम में सेवानिवृत्त शिक्षक चंद्रगोपाल काशिव,श्रीमल पलासिया, शिवराम यादव,राघवेन्द्र तिवारी,श्यामलाल जाधव,मांगीलाल चौधरी,श्रीमती आशा शर्मा,गायत्री यादव,अरविंद शर्मा,गायत्री शर्मा,हीरालाल उइके,अफजल बनारसी,शेरखान,दिनेश काशिव,गुड्डीराजा सोलंकी आदि उपस्थित थे।संचालन शिक्षक सुरेश साहू ने किया व आभार प्रदर्शन योगेश शर्मा ने माना।
फ़ोटो-ज्ञानचंद्र शर्मा के सम्मान का।