हुई।
फतेहगढ़ घाट,नर्मदा के किनारे नर्मदेश्वर मंदिर में किया श्रावणी कर्म।
*भविष्य दर्पण घनश्याम भदौरिया*
सतवास-श्रवण नक्षत्र में विप्रजनो के लिये श्रावणी कार्य श्रेेष्ठ माना जाता हे इस आचार्य पं.राजेंद्र शर्मा ने विप्रजनो से हेमाद्रि स्नान,देवर्षि पितृ तर्पण,नूतन यज्ञोपवित धारण,हवन,गुरूपूजन,वेद पाठ आदि करवाया। इसके के पष्चात सभी ने भगवान नर्मदेश्वर का पूजन किया। आचार्य शर्मा ने बताया की श्रावणी कर्म को श्रावणी उपाकर्म भी कहते हे श्रावण पूर्णिमा के दिन मनाया जाने वाला एक महत्व पूर्ण हिन्दू त्यौहार हे। यह मुख्यरूप से ब्राह्मणों और वैदिक अध्ययन करने वाले लोगों द्वारा मनाया जाता हे। लेकिन इसका संदेश सभी के लिए प्रासंगिक हे ।इसका मुख्य उद्देश्य आत्म शुद्धि प्रायश्चित और वैदिक ज्ञान के प्रति प्रतिबद्धता को नवीनीकृत करना हे । इस अवसर पर मप्र गौपालन बोर्ड उपाध्यक्ष नारायण व्यास,,ओम उपाध्याय,,सजंयशर्मा,,ओमप्रकाश शर्मा ,सुदीप जोशी सहित अनेक विप्रजन उपस्थित थे।
चित्र – फतेहगढ़ में श्रावणी कार्य करते विप्रजन।


