चंद्रकेशर नदी के पावन तट पर किया श्रावणी कर्म।

*चंद्रकेशर नदी तट पर किया श्रावणी कर्म*

*भविष्य दर्पण अखिलेश तिवारी*

कांटाफोड़ । नगर में प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी श्रावणी पूर्णिमा रक्षाबंधन के अवसर पर चंद्रकेशर नदी के तट पर हेमाद्रि संकल्प और श्रावणी उपाकर्म किया गया। नैष्ठिक साधक के लिए दोनों कर्म अनिवार्य हैं। इसके अंतर्गत दशविधि स्नान आते हैं। इनमें भस्म मृतिका गोमय पंचगव्य गोरज धान्य स्नान फ्ल सर्वोषधि कुशोदक और हिरण्य स्नान के बाद पितरों का तर्पण और ऋषियों का आवाहन पूजन किया गया साथ ही नई यज्ञोपवीत धारण की गई । यज्ञोपवीत संस्कार को उपनयन भी कहा गया है। इस संस्कार से विद्यार्थी को गुरु के पास लाया जाता है

श्रावणी उपागम पर भक्ति और आस्था का संगम

नगर में घाट पर हुआ पूजन-अर्चन एवं हवन, श्रद्धालुओं ने मांगी सुख-समृद्धि की कामना

श्रावणी उपागम के पावन अवसर पर नगर में धार्मिक उल्लास और आस्था का अद्भुत संगम देखने को मिला। अनेक श्रद्धालुओं ने घाट पर एकत्र होकर पारंपरिक विधि-विधान से पूजन-अर्चन और हवन संपन्न कराया।

सुबह से ही श्रद्धालु पवित्र जल में स्नान कर पूजा सामग्री के साथ पहुंचे। वैदिक मंत्रोच्चार के बीच हवन में आहुतियाँ दी गईं और सामूहिक प्रार्थनाएँ की गईं। पूरे परिसर में “ॐ नमः शिवाय” के जयकारे और भक्ति गीत गूंजते रहे।हवन और पूजन के बाद सभी को प्रसाद वितरित किया गया। श्रद्धालुओं ने इसे जीवन के सबसे पवित्र और आनंदमय क्षणों में से एक बताते हुए आने वाली पीढ़ियों को भी इस परंपरा से जोड़ने का संकल्प लिया। इसी कड़ी में नगर की चंद्रकेशर नदी के तट बडघाट पर श्रावणी उपाकर्म प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी आचार्य पंडित कैलाश शर्मा के सानिध्य में संपन्न हुआ जिसमें पंडित अक्षत शर्मा पंडित ने पूजन सम्पन्न करवाई। इस अवसर पर रघुनन्दन परसाई गोविन्द जोशी श्यामलाल मालवीया श्रीनिवास तिवारी गणपति शर्मा राजेश होलानी राजेंद्र मालवीया सुनील शर्मा पुरषोत्तम बियाणी प्रमोद गट्टानी सुन्दरलाल मालवीया नंदकिशोर शर्मा अशोक मालवीया उदय जगताप योगेश मालवीया आदि उपस्थित थे। पंडित अक्षय शर्मा और हिमांशु जोशी ने पूजा संपन्न करवाई।

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