श्री महाकालेश्वर मंदिर में श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए 24×7 टोल फ्री नंबर शुरू किए गए हैं। श्रद्धालु महाकाल मंदिर के बारे में दान, दर्शन, आरती, पूजन और दूसरी जानकारी ले सकेंगे। नंबर 24 घंटे सातों दिन चालू रहेगा। महाकाल मंदिर प्रबंध समिति ने फेसिलिटी सेंटर-1 में कंट्रोल रूम और जन सुविधा केन्द्र शुरू किया गया है। कर्मचारियों की ड्यूटी भी तय कर दी है। मंदिर समिति ने एक टोलफ्री नंबर और 5 लैंडलाइन नंबर जारी किए हैं। कंट्रोल रूम का पूजन मंदिर के मुख्य पुजारी पं. घनश्याम शर्मा ने कराया।
टोलफ्री नंबर:-
- 18002331008
- 0734-2559272
- 2559275
- 2559276
- 2559277
- 2559278
मंदिर को 6 दिन में डेढ़ करोड़ का दान
महाकालेश्वर मंदिर को साल के अंतिम चार दिन और शुरुआत के दो दिन में डेढ़ करोड़ से अधिक का दान मिला है। सबसे अधिक दान 1 जनवरी को शीघ्र दर्शन में 30 लाख से अधिक का आया है। संभवत: ये पहला मौका है, जब साल के पहले दिन महाकाल मंदिर की आय इतनी अधिक हुई हो।
महाकाल मंदिर में नव वर्ष पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु भगवान महाकाल का आशीर्वाद लेने पहुंचे थे। श्रद्धालुओं की भीड़ देखते हुए मंदिर समिति ने 30 दिसंबर से 4 जनवरी तक गर्भगृह में श्रद्धालुओं के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया था। बावजूद बड़ी संख्या में पहुंचे श्रद्धालुओं ने दान भी किया। भीड़ से बचने के लिए शीघ्र दर्शन की 250 रुपए वाली और प्रोटोकॉल वाली 100 रुपए की टिकट खरीदकर महाकाल का आशीर्वाद लिया। श्रद्धालुओं ने दान के बाद लड्डू प्रसादी भी ले गए। इससे 6 दिन में मंदिर की आय का आंकड़ा 1.64 करोड़ पर पहुंच गया। इस आय में 1 और 2 जनवरी की दान पेटी का दान शामिल नहीं है। इसमें से 86 लाख रुपए तो केवल लड्डू प्रसादी के ही आए हैं। हालांकि लड्डू प्रसादी यूनिट महाकाल मंदिर समिति की ओर से नो प्रॉफिट नो लॉस में दिये जाते हैं।
ऐसे हर तरफ से लाखों रुपए दान के मिले
श्रद्धालुओं ने 6 दिनों में शीघ्र दर्शन के टिकट भी खरीदे। इनसे मंदिर समिति को करीब 50 लाख रुपए की आय हुई है।
- 28 दिसंबर – 30.65 लाख रुपए
- 29 दिसंबर – 30.85 लाख रुपए
- 30 दिसंबर – 23.11 लाख रुपए
- 31 दिसंबर – 26.21 लाख रुपए
- 01 जनवरी – 30.88 लाख रुपए
- 02 जनवरी – 22.56 लाख रुपए
जून 2021 से अक्टूबर 2021 तक भी रिकॉर्ड दान मिला
28 जून 2021 से लेकर 15 अक्टूबर 2021 तक करीब 3 महीने 17 दिन कुल 110 दिनों के दौरान भगवान महाकाल के खजाने में लड्डू प्रसाद, शीघ्र दर्शन टिकट, मंदिर परिसर में रखी विभिन्न भेंट पेटियां, अभिषेक, भेंट से प्राप्त राशि, भस्म आरती बुकिंग एवं अन्य विविध आय, ध्वजा व श्रंगार के माध्यम से करीब 23 करोड़ 3 लाख 54 हजार 538 रूपए की आय हुई थी।