उज्जैन । कलेक्टर श्री आशीष सिंह ने मंगलवार को बृहस्पति भवन के सभाकक्ष में विभिन्न मामलों में जनसुनवाई करते हुए अधिकारियों को प्रकरणों का निराकरण करने के निर्देश दिये। कोतवाली रोड निवासी ओमप्रकाश बागड़िया ने आवेदन देकर शिकायत की कि कोतवाली रोड पर स्थित उनके मकान में वे लगभग 35 वर्षों से रह रहे हैं। मकान में सामने की तरफ उनके द्वारा एक बैंक को कुछ क्षेत्र किराये पर दिया गया था। उनके द्वारा निरन्तर व्यावसायिक टैक्स दिया जा रहा है, लेकिन कुछ दिन पहले निगम द्वारा असंवैधानिक रूप से मकान के शटर वाले हिस्से को जेसीबी से तोड़ दिया गया। अत: उन्हें मुआवजा दिलवाया जाये। इस पर आयुक्त नगर पालिक निगम को मामले की जांच करने के निर्देश दिये गये।
ऋषि नगर निवासी सुनीता भंवर पति स्व.दिलीप भंवर ने आवेदन दिया कि सन 2018 में उनके पति की मृत्यु होने के बाद उनके पुत्र द्वारा आयेदिन शराब पीकर उनके साथ मारपीट की जा रही है तथा उन्हें उनके घर से निकालने की कोशिश की जा रही है। इस पर एसडीएम कोठी महल को तत्काल कार्यवाही करने के निर्देश दिये गये।
गणेश कॉलोनी निवासी अशोक सिंह पिता मंगल सिंह ने आवेदन देकर शिकायत की कि काफी समय से उनका बिजली का बिल अत्यधिक आ रहा है। वे आर्थिक रूप से कमजोर हैं तथा बिल भर पाने में सक्षम नहीं है। अत: उनका बिजली का बिल माफ किया जाये। इस पर एमपीईबी नई सड़क झोन को नियमानुसार कार्यवाही करने के निर्देश दिये गये।
कानीपुरा अंकपात मार्ग निवासी सुरेश विश्वकर्मा पिता रामसेवक विश्वकर्मा ने आवेदन दिया कि उन्हें गंभीर हृदय रोग है और उनका इलाज आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज में चल रहा है। प्रार्थी एक गरीब व्यक्ति है तथा वे वर्तमान में इलाज ठीक से नहीं करवा पा रहे हैं। अत: उन्हें आर्थिक सहायता राशि उपलब्ध करवाई जाये। इस पर सीएमएचओ को प्रार्थी का आयुष्मान कार्ड पात्र होने पर बनवाये जाने के निर्देश दिये गये।
भानपुरा जिला मंदसौर निवासी प्रेमराज किशोरीलाल पहाड़िया ने आवेदन दिया कि उज्जैन में स्थित एक गृह निर्माण सहकारी समिति के संचालक मण्डल द्वारा उनके साथ भूखण्ड के मामले में धोखाधड़ी की गई है। इस पर डीआरसीएस के प्रभारी अधिकारी को मामले की जांच करने के निर्देश दिये गये।
नागझिरी निवासी मालती परमार पति रामसिंह परमार ने आवेदन दिया कि नीमनवासा में शासकीय भूमि पर कुछ लोगों द्वारा अवैध कॉलोनी काटी गई है। अत: सम्बन्धित के विरूद्ध आवश्यक कार्यवाही की जाये। इस पर आयुक्त नगर पालिक निगम को समय-सीमा में सम्बन्धित के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही करने के निर्देश दिये गये।
इसी प्रकार कलेक्टर एवं अन्य अधिकारियों द्वारा विभिन्न मामलों में जनसुनवाई की गई।