खेती के कार्य में महिला किसान किसी पुरूष से कम नही इस बात को शहडोल जिले के विकासखण्ड बुढार के ग्राम बिरौडी की श्रीमती रानी सिंह ने चरितार्थ किया। श्रीमती रानी सिंह ने अपने पति श्री राम सिंह के साथ मिलकर उन्नतशील खेती के साथ-साथ अच्छी किस्म की सब्जी आदि उत्पादन करने की ठानी इसके लिए श्रीमती रानी सिंह और उनके पति कृषि विभाग के अधिकारियों से सम्पर्क किया और उन्नतशील खेती के संबंध में शासन द्वारा प्रदाय की जाने वाले प्रशिक्षण एवं योजनाओं की जानकारी प्राप्त की।
श्रीमती रानी सिंह ने शासन की मापवा योजना के अन्तर्गत कृषि विभाग से प्रशिक्षण प्राप्त कर उन्नत कृषि तकनीकी का ज्ञान अर्जित किया और अपनी एक हेक्टेयर भूमि में जीराफूल धान की खेती किया और अपने खेत में जैविक खाद का उपयोग कर अच्छे किस्म का चावल पैदाकर सलाना 60 हजार रूपये तथा कोदो एवं कुटकी की फसल से वार्षिक 10 हजार रूपये कमा रहे है। श्रीमती रानी सिंह खेती के साथ-साथ उद्यानिकी फसलों के तहत हल्दी,मिर्च, टमाटर एवं पालक एवं लाल भॉजी के खेती कर दो हजार प्रति सप्ताह लाभ अर्जित कर रहे है।
श्रीमती रानी सिंह ने उन्नतशील खेती के लिए आधुनिक तकनीक एवं जैविक खाद का उपयोग कर अपनी आर्थिक स्थित को मजबूत कर स्वयं का एक पक्का मकान बना ली है एवं कृषि कार्य के लिए ट्रेक्टर भी बैंक से लोन लेकर क्रय कर उसकी समस्त किश्तें चुका चुकी है। श्रीमती रानी सिहं ने जैविक खेती के तहत खाद तैयार करने के लिए वर्मी कम्पोस्ट फिट एवं नाडेप टॉका का समूह में निर्माण किया तथा उत्पादित खाद का उपयोग अपने खेत में किया एवं हॉट बाजार में भी खुद की बनाई हुई खाद विक्रय कर रही है और आमदनी कमा रही है।
श्रीमती रानी सिंह आसपास महिला कृषकों के लिए रोल मॉडल साबित हो रही है और उनकी प्रेरणा से अन्य महिला कृषक भी खेती की आधुनिक तकनीक व शासन की मिलने वाली सुविधाओं तथा जैविक खाद का प्रयोग कर रही है। श्रीमती सिंह को खेती के क्षेत्र में विशिष्ट कार्य के लिए कृषि विज्ञान केन्द्र द्वारा 10 हजार रूपये का पुरूस्कार भी प्रदान किया गया।
श्रीमती रानी सिंह का कहना है कि हम महिला कृषक किसी पुरूष कृषक से कम नही है, दृढ़, इच्छा एवं कड़ी मेहनत के साथ-साथ शासन की योजनाओं का ज्ञान आवश्यक प्रशिक्षण प्राप्त कर हम महिलाएं पुरूषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर उन्नतशील खेती कर अपने परिवार की आर्थिक स्थित को मजबूत कर सकते है।