कोरोना काल के बाद बाजार में तेजी से बदलाव आया है। आज को ध्यान में रखकर व्यापार, माल और प्रक्रिया, तीनों में बदलाव करना होगा। शहर में इन समय पांच कलस्टर में से तीन आकार ले चुके हैं और जल्द ही दो लेने जा रहे हैं।
रेडीमेड गारमेंट से लेकर मिष्ठान और आइटी पार्क, ये तीनों क्लस्टर पुराने तरीकों से चलाए जा रहे हैं। इनमें मौजूदा दौर को ध्यान में रखकर बदलाव करना होगा। यह बात जबलपुर चेंबर आफ कामर्स और एमएसएमई मंत्रालय द्वारा आयोजित कलस्टर निर्माण और स्टार्टअप पर चर्चा में आयोजित अनुभवियों ने रखी।
इस अवसर पर कलेक्टर इलैया राजा टी ने कहा कि योजनाओं को तैयार करें और इन्हें व्यापारी, उद्योगपति से लेकर क्लस्टर और स्टार्टअप के जरिए आने वाले नए लोगों से जोड़े। चेम्बर आफ कामर्स और एमएसएएमई के पदाधिकारियों को इस बात पर जोर देना होगा कि वे उद्योग और इनसे जुड़े योजना, फायदों को जरूरत मंद तक कैसे पहुंचाएं। शहर के महाविद्यालय से लेकर स्मार्ट सिटी और जिला प्रशासन के माध्यम से ऐसे सेंटर बनाएं, जहां आकर लोग इनसे जुड़ी हर जानकारी ले सकते हैं।
इन पर हुई चर्चा-
1. रेडीमेड गारमेंट क्लस्टर- गोहलपुर में बनाए गए इस क्लस्टर में सलवार सूट बनाए जाते हैं, लेकिन आज ज्यादा युवतियां यह नहीं पहनती। देश में तेजी से पहनावा बदल रहा है। इसलिए अब जरूरत है हमें उन गरीब देशों की ओर ध्यान देना होगा, जहां इन कपड़ों की मांग बढ़ रही है।
2. मिष्ठान क्लस्टर- इस क्लस्टर के लिए प्रशासन से दो साल पहले ही जमीन आवंटित हो गई, लेकिन अभी तक इसका सीमांकन ही नहीं किया गया। मौजूदा दौर में खोवे से ज्यादा ड्राइ फ्रूट और अन्य सामग्री से मिठाईयां बनाई जा रही हैं।
3. आइटी पार्क- आइटी पार्क में जमीन लेने के लिए कई ऐसे उद्योग आ गए हैं, जो सिर्फ खानापूर्ति के लिए हैं। आइटी पार्क के दूसरे और तीसरे फेस में अब मेडिकल और ब्यूटी साफ्टवेयर पर काम करने वालों को महत्व देना होगा।
4. हर्बल क्लस्टर- अभी इस पर काम भी नहीं शुरू हुआ है, लेकिन जबलपुर में इसकी बहुत संभावना है। हर्बल मंडी के जरिए सभी किसानों और उनको उपयोग करने वालों को एक मंच पर लाकर जोड़ना होगा।
5. फर्नीचर क्लस्टर- आने वाले समय में शहर में फर्नीचर क्लस्टर पर काम करना होगा। शहर की लकड़ी, अन्य राज्य जा रही हैं। जबकि तेजी से लकड़ी के फर्नीचर और खासतौर पर खिलौनों की मांग विदेश में बढ़ी है।