शहर में पेयजल सप्लाई के मुख्य जलस्रोत बामनघाट बांध के गेट की ऊंचाई 2 से बढ़ाकर 4 मीटर करने के साथ ही जल संग्रहण क्षमता को दुगुना करने के लिए प्रस्ताव तैयार किया गया है। अमृत योजना-2 में बने इस प्रस्ताव के अमल में आने पर करीब 6.50 करोड़ रुपए खर्च होंगे।
वर्ष 2055 तक शहर की आबादी के मान से पेयजल सप्लाई के संसाधनों को अपडेट कर अमृत-2 जल संकट की स्थिति को दूर करने के लिए बांध पर लगे 2 मीटर हाइट के गेट की ऊंचाई दुगुनी याने 4 मीटर करने का प्रस्ताव है। वर्तमान में बांध पर 1.2 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी 4.5 किलोमीटर के क्षेत्र में संग्रहित होता है। यदि बांध के गेट की ऊंचाई 4 मीटर की गई, तो इस बांध में जल संग्रह की क्षमता 2.2 मिलियन क्यूबिक मीटर हो जाएगी।
बांध बना फिर भी रोज जलप्रदाय नहीं
करीब 8 करोड़ की लागत से 12 साल पहले बने बामनघाट बांध में पर्याप्त पानी संगृहीत होने के बाद भी शुजालपुर को आज तक प्रतिदिन जल प्रदाय की सौगात नहीं मिल सकी है। सामान्य दिनों में 1 दिन छोड़कर और गर्मी में 2 से 3 दिन के अंतराल से जल प्रदाय होता है।
फिल्टर प्लांट का भी होगा उद्धार
अमृत योजना-2 के प्रारूप अनुसार शुजालपुर में फिल्टर प्लांट के वर्तमान कैपेसिटी 12.75 मिलियन लीटर प्रतिदिन है। प्रस्तावित योजना में इसकी क्षमता 70 लाख खर्च कर 13.40 मिलियन लीटर प्रतिदिन करने की है। यदि ऐसा होता है तो फिल्टर प्लांट का उद्धार भी होगा।
85 की जगह 128 किमी हो जाएगी पाइपलाइन
सप्लाई के लिए बिछाई गई पाइप लाइन वर्तमान में करीब 85 किलोमीटर लंबी है। इस पाइपलाइन को भी विस्तारित कर करीब 128 किमी किया जाना है, जिस पर ₹6.60 करोड खर्च होना है।
नालों का पानी नदी में मिलने से रोकेंगे
नालों का गंदा पानी जमधड, नेवज नदी और अन्य पेयजल स्त्रोतों में मिलने से रोकने के लिए भी अमृत योजना में प्रस्ताव बनाया जा रहा है। गंदा पानी उपचारित कर वैकल्पिक उपयोग करने पर 7 करोड़ रुपए खर्च करने का प्रस्ताव है। गंदा पानी उपचारित कर बगीचों और फायर ब्रिगेड में उपयोग करने जैसे विकल्पों पर काम होगा।
पेयजल टंकी की संख्या भी बढ़ेगी
अभी 11 में से 10 पेयजल टंकियां चालू होकर शहर में 65 शिफ्टों में जल प्रदाय करती है। इन टंकियों की वर्तमान क्षमता 38 लाख लीटर पानी संग्रहित करने की है, जिसे बढ़ाकर 58 लाख लीटर तक करने का प्रस्ताव रखा गया है।