केंद्रीय भैरवगढ़ जेल के अधिकारियों में गुटबाजी – जेल अधीक्षिका का आरोप- अवैध काम रोकने पर जेलर की टीम कर रही विरोध; जेलर बोले- ऐसा कुछ नहीं

केंद्रीय जेल भैरवगढ़ में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। वजह अधिकारियों के बीच चल रहे विवाद के कारण मातहतों का भी दो गुटों में बंटना है। हालात यह हो गए कि कुछ प्रहरियों ने जेल में भ्रष्टाचार का आरोप लगाकर अधीक्षिका के खिलाफ कलेक्टर से शिकायत कर दी। अधीक्षिका ने जेलर को हटाने के लिए जेल डीजी को पत्र लिख दिया और जेलर जांच के बाद स्थिति स्पष्ट होने का दावा कर रहे हैं।

जेल के आठ प्रहरियों ने मंगलवार को जनसुनवाई में कलेक्टर आशीष सिंह से जेल अधीक्षिका उषा राज की शिकायत की थी। इसके बाद जेल कर्मचारियों में तनाव फैल गया। कुछ कर्मचारी प्रहरियों ने नाम न बताने की शर्त पर दावा किया कि जेल में गोदाम प्रभारी संपन्न बंदियों को शकर, चाय, तेल, घी बाजार से कई गुना दाम में बेचा जा रहा है। सिगरेट, बीड़ी जेल में सौ गुने दाम में मिल रहे हैं। गांजा-चरस तक की कुछ कैदियों को सप्लाई हो रही है। वहीं नए कैदियों से सुरक्षा देने के नाम पर चौक सीईओ (सजायाफ्ता चयनित कैदी) 500 से पांच हजार तक वसूल रहे हैं। दूसरी ओर, कुछ प्रहरी इसे सख्ती का परिणाम बता रहे हैं।

डिप्टी जेलर और प्रहरी निशाने पर

जेल अधीक्षिका उषा राज का कहना है कि जेल में अवैध काम रोकने और भ्रष्ट प्रहरियों को सस्पेंड करवाने के कारण उनके खिलाफ साजिश रची जा रही है। उनका आरोप है कि जेलर केके कुलश्रेष्ठ पूर्व में हटाए गए जेलर संतोष लड़िया के दोस्त हैं। डिप्टी जेलर हीरालाल परमार व लड़िया के खास प्रहरी मिलकर व्यवस्था बिगाड़ना चाहते हैं। इसलिए उन्होंने फिलहाल जेलर कुलश्रेष्ठ को हटाने के लिए जेल मुख्यालय को पत्र लिखा है। शेष पर कार्रवाई करवाने का प्रयास करेगी।

डीजी को रिपोर्ट का इंतजार

जेल डीजी अरविंद कुमार ने बताया कि जेल अधीक्षिका ने उन्हें जेलर को हटाने के लिए डीओ भेजा है, लेकिन वह कलेक्टर द्वारा करवाई जा रही जांच रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सामान्य ट्रांसफर जुलाई अगस्त में ही किए जाएंगे और फिलहाल किसी को नहीं हटाया जा रहा है। एडीएम संतोष टैगौर ने कहा कि प्रहरियों द्वारा की गई शिकायत कि जांच कर रहे है, जल्द ही रिपोर्ट कलेक्टर को सौंपेंगे।

जेलर बोले- पद से बंधा हूं

जेल अधीक्षिका द्वारा लगाए आरोपों के संबंध में जेलर केके कुलश्रेष्ठ ने कहा- मैं नियम से काम करता हूं। गुटबाजी व शिकायतकर्ताओं से कोई लेना-देना नहीं है। व्यवस्था बनाने का प्रयास कर रहा हूं, क्योंकि मैं नौकरी से बंधा हूं।

पहले यह हुआ

पूर्व जेलर संतोष लड़िया पर एक महिला ने जेल में जबरदस्ती का आरोप लगाया था। बाद में करोड़ों की ठगी के आरोपी ने लड़िया व कुछ प्रहरियों पर जेल के अंदर से उससे साइबर ठगी करवाने का आरोप लगाया था। मामले में लड़िया को हटाया गया था। इस घटना के बाद जेल अधीक्षिका उषाराज ने कुछ प्रहरियों को जेल में मोबाइल व नशीले पदार्थ ले जाते हुए पकड़ा और उन पर केस दर्ज करवाकर सस्पेंड करवा दिया था।

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