छतरपुर जिला अस्पताल की बड़ी लापरवाही, परिजन सीएमएचओ, CM हेल्पलाइन पर कॉल कर गिड़गिड़ाते रहे, नहीं मिली एंबुलेंस

छतरपुर जिला अस्पताल में गुरुवार रात एक दृश्य ने हर किसी को भीतर तक झकझोर दिया। मौत के बाद भी सिस्टम का सितम कम नहीं हुआ।युवक की इलाज के दौरान अस्पताल में मौत हो गई थी। परिजन शव वाहन के लिए डायल-100, सीएमएचओ से लेकर CM हेल्पलाइन पर कॉल कर गिड़गिड़ाते रहे लेकिन उन्हें शव वाहन नहीं मिल सका। थक हारकर वे बाइक से ही शव को ले जाने की 3 घंटे मशक्कत करते रहे। ​​

छतरपुर जिला अस्पताल में शांति नगर कॉलोनी निवासी 20 साल के शंकर लाल रैकवार की मौत हो गई। उसके भाई अशोक रैकवार और भाभी पूजा गुरुवार दोपहर 2 बजे उसे बमीठा से जिला अस्पताल लेकर आए थे। इलाज के दौरान शाम 6 बजे उसकी मौत हो गई। मौत के बाद जब एंबुलेंस नहीं मिली तो परिजन बाइक पर बैठाकर शव ले जाने लगे। पीछे बैठा युवक ने शव को अपने ऊपर टिका रखा था, इसके बाद भी उसे संभाल नहीं पा रहा था।

परिजन शाम 6 बजे से ही शव को घर ले जाने की कोशिश में लगे रहे, लेकिन लाख जतन के बाद भी उन्हें शव वाहन नहीं मिला। उन्होंने डायल -100, 108, CM हेल्पलाइन के साथ ही CMHO तक से शव वाहन के लिए मिन्नतें की। करीब 5 घंटे तक वह परेशान होता रहा। आखिरकार रात 11 बजे थक कर शव को बाइक पर ही लेकर जाने का फैसला किया। उसने शव के हाथ बांधे और एक को पीछे बैठाकर शव को पकड़ने को कहा। तीनों बाइक स्टार्ट कर थोड़ा आगे बढ़े तो शव के पैर जमीन पर घिसटने लगे। पूरी बाॅडी गिरने लगी। बॉडी नहीं संभलने पर बाइक रोक दी।

बॉडी को उठाकर लोगों एंबुलेंस में रखवाया।

परिजनों का कहना है कि वह गरीब हैं, इसलिए जिला अस्पताल में इलाज करा रहे थे। बॉडी अकड़ जाने के कारण वह उसे ले कर नहीं जा पा रहे थे। बाइक चला रहे सईद खान ने बताया कि युवक के पैर में सूजन थी और सांस लेने में दिक्कत हाे रही थी। शाम 6 बजे उसकी माैत हाे गई। उसकी माली हालत इतनी कमजोर थी कि उसे चंदा कर यहां लेकर आए थे। मौत के बाद भी उसकी परेशानी कम नहीं हुईं।

प्राइवेट एंबुलेंस फ्री में लेकर गई लाश

एक परिवार को यूं परेशान होने की जानकारी जब एंबुलेंस संचालक नईम खान को लगी तो वे तत्काल अस्पताल पहुंचे। उन्होंने मानवता का फर्ज निभाते हुए तत्काल एंबुलेंस पर शव को रखवाया और उसे गांव के लिए रवाना किया। परिवार की माली हालत को देखते हुए उन्होंने रुपए भी नहीं लिए।

CMHO बोले इंतजाम कर ही रहे थे

CMHO डॉ. लखन तिवारी ने फोन पर बताया कि मृतक के भाई का शव वाहन के लिए फोन आया। तो मैंने उसे कहा कि समर्पण क्लब में वाहन के लिए संपर्क कर लें, वहां वाहन है।

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