उज्जैन में वाहन सीज करने वाली कंपनी के एजेंट के साथ नीलगंगा पुलिस ने जमकर मारपीट की है। कंपनी ने आरोप लगाया कि किस्त नहीं भरने पर बाइक सीज की, तो पुलिस ने ग्राहक की बकाया ईएमआई भरवाने के साथ ही लूट के केस में फंसाने की धमकी देकर 25 हजार रुपए लिए। पिटाई से गंभीर चोट आने पर एजेंट को जिला अस्पताल में भर्ती करना पड़ा।
एमआर 5 स्थित शीतल पैलेस कॉलोनी निवासी दिलीप रघुवंशी मक्सी रोड पर सीजिंग कंपनी में एजेंट है। उसे गंभीर चोट लगने पर जिला अस्पताल के आईसीयू में भर्ती किया गया है। कंपनी मैनेजर प्रभात श्रीवास्तव ने बताया कि उनकी फर्म अधिकृत वाहन सीजर है। सोयत के सुनील को होंडा कंपनी से फायनेंस करवाई बाइक की 12 किश्त बकाया होने पर तलाश रहे थे। शनिवार दोपहर एजेंट रघुवंशी को सुनील मिला।
किश्त नहीं भरने पर रघुवंशी ने उससे बाइक ली और माधवनगर थाने में सीजिंग की लिखित में सूचना दे दी। कुछ देर बाद ही सुनील के साथ नीलगंगा पुलिस ऑफिस आई और रघुवंशी को ले गई। थाने में रघुवंशी को टीआई तरुण कुरील व पुलिस ने जमकर पीटा। दबाव बनाकर सुनील की बकाया 12 किश्त के 23 हजार रुपए भरवाए और लूट में फंसाने की धमकी देकर 25 हजार रुपए देने के बाद ही उसे छोड़ा।
सीएम से लगाई गुहार
रघुवंशी ने बताया कि सुनील को उसने बाइक पर जाते देख रोका तो उसने स्वेच्छा से बाइक सौंप दी। थाने पर सूचना के बाद बाइक कंपनी के डंप मे रख दी, लेकिन पुलिस ने उसे बाइक लूटने का आरोप लगाते हुए जमकर पीटा जिससे उसे गर्दन, पीट, जांघ और पीठ पर गंभीर चोट आई, इसलिए न्याय के लिए उसने सीएम हेल्पलाइन पर शिकायत की है।
टीआई ने दी सफाई
टीआई तरुण कुरील के अनुसार सीजिंग से पहले थाने पर सूचना देना होती है।
सुनील पर कोई किश्त बाकी नहीं है। बावजूद एजेंट ने बिना इंटीमेशन दिए उनके क्षेत्र में उसकी बाइक सीज की और तीन हजार रुपए भी छीन लिए। मारपीट और 25 हजार रुपए देने का आरोप झूठा है। सुनील ने एजेंट के खिलाफ लूट की शिकायत की है। मामले में उस पर केस दर्ज करेंगे।