MP में 28-29 मार्च को हड़ताल – 12 सूत्रीय मांगों को लेकर 10 केंद्रीय श्रमिक संगठन हड़ताल करेंगे; बैंक, पोस्टऑफिस और आंगनवाड़ी बंद रह सकते हैं

मध्यप्रदेश में सोमवार और मंगलवार (28 और 29 मार्च) को आम लोगों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। केंद्र सरकार के विरोध में देशभर के 10 केंद्रीय श्रमिक संगठनों एवं कई स्वतंत्र ट्रेड यूनियन 12 सूत्रीय मांगों को लेकर हड़ताल पर रहेंगे। इससे बैंक, बीमा, सामान्य बीमा, राज्य, केंद्र, बीएसएनएल, आयकर, पोस्ट ऑफिस, कोयला, रक्षा, आशा, उषा, आंगनवाड़ी, मध्यान भोजन कर्मी, मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव, खेत, खदान, भवन निर्माण एवं अन्य संस्थानों मैं कार्यरत ट्रेड यूनिय के कर्मचारियों हड़ताल पर जाने से कई तरह की सेवाएं ठप्प रह सकती हैं। प्रवक्ता हड़ताली श्रमिक संगठन मध्य प्रदेश के वी के शर्मा ने बताया कि इसमें देशभर के करीब 30 करोड़ से ज्यादा मेहनतकश, कामगार, कर्मचारी एवं अधिकारी शामिल होंगे। संख्या की दृष्टि से यह है विश्व की सबसे बड़ी हड़ताल होगी।

यह मांगें हैं

  • चार लेबर कोड (श्रम संहिताओं)को समाप्त किया जाए, रक्षा क्षेत्र में हड़ताल पर रोक लगाने वाले कानून -ईडीएसए को निरस्त किया जाए।
  • कृषि कानूनों के रद्द होने के बाद संयुक्त किसान मोर्चा से किए गए वायदों को पूरा किया जाए।
  • किसी भी रूप मे निजीकरण स्वीकार नहीं, निजीकरण और नेशनल मोनेटाइजेशन प्लान को निरस्त करें।
  • गैर आयकर दाता परिवारों को प्रतिमाह 7500 रुपए नगद एवं मुफ्त राशन सहायता प्रदान करें।
  • मनरेगा के लिए आवंटन में वृद्धि और शहरी क्षेत्रों में रोजगार गारंटी योजना का विस्तार करें।
  • सभी अनौपचारिक क्षेत्र कामगारों को सार्वभौम सामाजिक सुरक्षा दो, अनौपचारिक क्षेत्र को औपचारिक करें।
  • आंगनवाड़ी, आशा, मध्याह्न भोजन और अन्य योजना वर्करों को मजदूर का दर्जा देकर उनके लिए वैधानिक न्यूनतम वेतन और सामाजिक सुरक्षा प्रदान करें।
  • कोरोना महामारी के बीच लोगों की सेवा करने वाले फ्रंटलाइन वर्करों के लिए उचित सुरक्षा एवं बीमा प्रदान करें।
  • राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने और सुधारने के लिए वेल्थ टैक्स आदि के माध्यम से अमीरों पर टैक्स लगाकर कृषि, शिक्षा ,स्वास्थ्य और अन्य महत्वपूर्ण सार्वजनिक उपयोगिताओं (पब्लिक यूटिलिटीज) मैं सरकारी निवेश में वृद्धि करें।
  • पेट्रोलियम उत्पादों पर केंद्रीय उत्पाद शुल्क में पर्याप्त कमी की जाए, मूल्य वृद्धि को रोकने के लिए ठोस उपचारात्मक उपाय किए करें।
  • संविदा कर्मियों, योजना कर्मियों का नियमितीकरण करो और समान काम के लिए समान वेतन प्रदान करें।
  • नयी पेंशन स्कीम को निरस्त करो, पुरानी पेंशन स्कीम बहाल करो, कर्मचारी पेंशन योजना के तहत न्यूनतम पेंशन में पर्याप्त वृद्धि करें।

इस तरह करेंगे प्रदर्शन

इस हड़ताल के कारण मध्य प्रदेश के खेतों, खलियानों, खदानों, बैंक, बीमा केंद्र, टेलीफोन, पोस्ट ऑफिस, आयकर, दवा प्रतिनिधियों आदि के कार्यालयों, सार्वजनिक उपक्रमों एवं संस्थानों, आशा, उषा, आंगनवाड़ी, मध्यान भोजन कर्मी भवन निर्माण आदि के कार्य क्षेत्र में कामकाज ठप्प रहेगा। हड़ताली कामगार स्थानीय स्तर पर धरना, प्रदर्शन एवं रैलियों के माध्यम से विरोध व्यक्त करेंगे। मांगें पूरी नहीं होने पर आंदोलन और तेज किया जाएगा।

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