मध्यप्रदेश के देवास जिला अस्पताल में शुक्रवार को उस समय हंगामा हो गया, जब तीन दिन की बच्ची के लापता हो गई। आशंका है कि बच्ची को कोई चुरा ले गया है। इसके बाद पूर्व पार्षद और परिजन के रिलेटिव रूपेश वर्मा ने अस्पताल में हंगामा कर खुद पर पेट्रोल डाल लिया। हालांकि आंखों में जलन होने पर पुलिस उसे पकड़कर अस्पताल ले गई। उसका कहना था कि एक मां से पूछिए, उसकी क्या हालत है।
तीन दिन पहले देवास की रहने वाली टीना वर्मा ने बच्ची को जन्म दिया। टीना का कहना है कि गुरुवार रात बच्ची रिश्तेदार के पास सोई हुई थी। रात 3.30 बजे नींद खुली, तो बच्ची को देखा। वह नजर नहीं दिखी तो रिश्तेदार को जगाया। उसे बहुत तलाशा , लेकिन नहीं मिली। परिवारवालों ने इसकी जानकारी अस्पताल प्रबंधन और सिटी कोतवाली पुलिस को दी। पुलिस ने अज्ञात आरोपी के खिलाफ केस दर्ज किया। सूचना पर एसपी डॉ. शिवदयाल सिंह भी पहुंचे। आक्रोशित परिजनों ने दो घंटे में बच्ची को खोजने का अल्टीमेटम दिया।
पूर्व पार्षद ने किया आत्मदाह का प्रयास
दोपहर में पूर्व पार्षद रूपेश वर्मा ने इस पर हंगामा कर दिया। उन्होंने खुद पर पेट्रोल डालकर आत्मदाह का प्रयास किया। झूमाझटकी के बीच पुलिस ने उसे पकड़ा और उस पर पानी डाला। पूर्व पार्षद का कहना था कि आज मेरी बच्ची होती या किसी की भी बच्ची होती, ऐसे चली जाती तो उसकी मां की पीड़ा क्या होती है। मैं मरने के लिए भी तैयार हूं, लेकिन सोचने वाली बात है कि किसी की बच्ची अस्पताल से चोरी हो जाना अस्पताल प्रशासन व अस्पताल में सीसीटीवी भी बंद पड़े हैं। हंगामे के दौरान सीएमएचओ ऑफिस में स्टाफ को बाहर कर ताला जड़ दिया।
लापरवाही व रुपए मांगने का आरोप
रिलेटिव विशाल भाटिया का आरोप है कि डिलीवरी के पहले अस्पताल में रुपए देने पड़ते हैं। पीड़ित परिवार ने भी 2 हजार रुपए दिए थे, जबकि 5 हजार रुपए की मांग की गई थी। जिस जगह से नवजात गायब हुई, वहां सीसीटीवी भी बंद हैं। कलेक्टर चंद्रमौली शुक्ला का कहना है कि मामला संज्ञान में आया है। हमने 26 दल बनाकर बच्ची को खोजने के लिए कहा है। यह टीम अस्पताल के आसपास सहित ग्रामीण क्षेत्रों में बच्ची को तलाशने निकली है। हमारी पहली प्राथमिकता बच्ची को खोजना है। घटना होने में जो जवाबदार अधिकारी व डॉक्टर है, उन पर भी सख्त कार्रवाई की जा रही है।