रक्तदान में इतिहास रच चुके जिलेवासी आज भी कभी किसी को खून की जरूरत होने पर तत्काल पहुंच जाते हैं। हाल ही में युवाओं ने रक्त दान कर तीन जिंदगियों को बचाया है। उदनखेड़ी निवासी 8 वर्षीय लक्ष्य जो कि थैलेसिमिया की बीमारी से पीड़ित है। उसे हर 20 दिन में खून की जरूरत पड़ती है। इस बार भी लक्ष्य को खून की जरूरत पड़ी थी, लेकिन जिला अस्पताल में खून उपलब्ध नहीं था। ऐसे में जिला अस्पताल प्रशासन ने लक्ष्य के माता पिता को शहरवासियों के रक्तदाताओं की सूची और फोन नंबर उपलब्ध करवाए।
अमित राठौर, विजय शर्मा जो कभी भी किसी भी जरूरतमंद के लिए कभी समय नहीं देखते। जब दोनों को पता चला तो उन्होंने तुरंत हामी भर दी और सारा काम छोड़कर जिला अस्पताल पहुंच गए। जहां पहुंच कर बालक को खून दिया। कुछ ही देर बाद एक और युवक को और खून की जरूरत पड़ी, लेकिन अस्पताल में मौजूद विजय शर्मा और अमित राठौर पहले ही रक्तदान कर चुके थे। ऐसे में लक्ष्य धाकड़ की मां दीपिका धाकड़ ने यह जिम्मेदारी अपने पर ली और रक्तदान किया। धाकड़ ने बताया कि जब उनके बच्चे के लिए शहर के युवाओं ने अपना काम छोड़कर रक्तदान किया तो वे भी किसी का जीवन बचाने के लिए इतना तो कर ही सकती है।