सीएम ने किया लवकुश चौराहे पर फ्लाइओवर का भूमिपूजन

प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान गुरुवार सुबह 11.30 बजे इंदौर पहुंच गए। खेल प्रशाल में सांस्कृतिक एवं नैतिक प्रशिक्षण संस्थान द्वारा आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए। कार्यक्रम में महापुरुषों के वेश में आए स्कूली बच्चों की सीएम ने सराहना की। इसके बाद सीएम दोपहर 2 बजे रीजनल पार्क में पीएम स्वनिधि एवं मुख्यमंत्री ग्रामीण पथ विक्रेता योजना (स्ट्रीट वेंडर्स) के हितग्राहियों से संवाद करने पहुंचे। यहां उन्होंने मंच पर बुलाकर हितग्राहियों से उनके काम आदि के बारे में जानकारी ली। सीएम लवकुश चौराहे पर बनने वाले सिक्स लेन फ्लाइ ओवर का भूमिपूजन करने शाम चार बजे पहुंचे। पहले यह कार्यक्रम दोपहर 2.30 बजे प्रस्तावित था। लेकिन अन्य कार्यक्रमों में व्यस्तता के चलते सीएम को आने में देरी हुई।

पीएससी एस्पायरेंट्स और सिलेक्टेड कैंडिडेट्स ने बरसते पानी में सीएम के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन करने के लिए एयरपोर्ट के गेट पर डेरा डाल रखा है। अभ्यर्थी अपनी मांगों को लेकर सीएम से मिलना चाहते हैं।

सीएम ने लगवाए भारत माता और इंदौर की जनता की जय के नारे

अपनी बात शुरू करने से पहले सीएम ने उपस्थित लोगों से भारत माता और इंदौर की जनता की जय के नारे लगवाए। सीएम ने उपस्थित किसानों से कहा कि फ्लाइ ओवर के निर्माण में किसी की भी जमीन का जबरन अधिग्रहण नहीं किया जाएगा। किसानों से बात कर उनसे पूछकर ही काम करेंगे। मैं किसान का बेटा हूं, किसान के खिलाफ काम नहीं करूंगा। किसान भाई निश्चिंत रहें। उनके बात किए बिना उनकी एक इंच जमीन भी नहीं ली जाएगी। इसके साथ ही सीएम ने बाणगंगा से अरविंदो के बीच भी नया फ्लाइ ओवर बनाने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि एक फ्लाइ ओवर के ऊपर से दूसरा फ्लाइ ओवर क्रास करके बनेगा।

सांसद ने की बाणगंगा से अरविंदों की ओर भी फ्लाइ ओवर की भुजा बनाने की मांग

कार्यक्रम के दौरान सांसद शंकर लालवानी ने सीएम के समक्ष अपनी मांग रखते हुए कहा कि फ्लाइ ओवर की दो भुजाएं बाणगंगा और अरविंदो की तरफ भी उतरना चाहिए। इसके साथ ही 2028 में उज्जैन में सिंहस्थ कुंभ रहेगा। पिछली बार 2016 के सिंहस्थ में सरकारी आंकड़ों के अनुसार इंदौर-उज्जैन के बीच चले वाहनों की संख्या 45 लाख से ज्यादा थी। ऐसे में ट्रैफिक के दबाव और जाम से बचने के लिए फ्लाइ ओवर का विस्तार किया जाना चाहिए। इसके साथ ही महाकालेश्वर से ऊंकारेश्वर के बीच भी डायरेक्ट कनेक्टिविटी के लिए ऐसा रास्ता निकलना चाहिए, जिससे बिना किसी अवरोध के दोनों जगहों पर श्रद्धालु सुबह से शाम में ही दर्शन कर सकें।

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