शिक्षक दिवस पर अतिथि शिक्षकों ने किया प्रदर्शन – पात्रता के आधार पर शिक्षक बनाने की मांग, बोले- हमारा भविष्य सुरक्षित नहीं

मध्यप्रदेश आजाद स्कूल अतिथि शिक्षक संघ के तत्वावधान में सोमवार को अतिथि शिक्षकों ने अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन किया है। आजाद स्कूल अतिथि शिक्षक संघ के जिला अध्यक्ष सादिक खान ने बताया कि प्रदेश में विगत 14-15 वर्षों से शासकीय शालाओं में अल्प मानदेय पर पूरी निष्ठा व लग्नता के साथ अध्यापन कार्य कर रहे हैं। परंतु अतिथि शिक्षकों का भविष्य आज भी अंधकारमय है। इन्होंने बताया कि अतिथि शिक्षक व्यवस्था आपकी सरकार द्वारा ही प्रारंभ की गई थी। फिर गरीब अतिथि शिक्षकों के साथ अन्याय क्यों, परंतु उसके बाद भी अतिथि शिक्षक आज तक बेरोजगार हैं। जिनका भविष्य अंधकारमय है।

अतिथि शिक्षकों की विभागीय परीक्षा लेकर नियमित करने की मांग की है। जिलाध्यक्ष खान ने बताया कि जिले के तीनों ब्लाक की सरकारी स्कूलों में कार्यरत करीब 2 सौ से अधिक अतिथि शिक्षकों ने सीएम के नाम सयुंक्त कलेक्टर डीके सिंह को ज्ञापन सौंपकर अपनी दो मांगे रखी है। जिसमें कार्य के आधार पर अतिथि शिक्षकों को नियमित शिक्षक बनाने एवं 12 माह का सेवाकाल 62 वर्ष की उम्र तक पद स्थायित्व तथा वेतनवृद्धि दोगुना किया जाने की मांगे शामिल है। इस दौरान अतिथि शिक्षकों ने शहर के वीर तेजा जी चौक से रैली निकालकर कलेक्ट्रेट पहुंचकर ज्ञापन सौंपा। इस अवसर पर प्रवक्ता निलेश सोनी,उपाध्यक्ष चेतन प्रजापति,कार्यकारी अध्यक्ष वशिष्ट यादव सहित अन्य अतिथि शिक्षक मौजूद रहे।

अतिथि शिक्षकों का कहना है कि हम प्राइमरी से लेकर हायर सेकंडरी स्कूलों में अपनी सेवाएं देकर छात्रों को मन लगाकर पढ़ाते हैं। उसके बाद भी उन्हें सरकार उपेक्षित तौर पर उपयोग कर रही है। भाजपा ओर कांग्रेस दोनों दलों की सरकार ने अतिथि शिक्षकों से वादा तो किया उसे पूरा नहीं किया। सत्ता से बाहर रहने पर अतिथि शिक्षकों के आंदोलन में भाजपा के नेता भी शामिल हुए। उनकी मांगों को जायज ठहराया। लेकिन सत्ता में आने के बाद भाजपा भी अतिथि शिक्षकों की सुध नहीं ले रही है।

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