गणेश उत्सव का समापन शुक्रवार को अनंत चौदस पर गणेश प्रतिमाओं के विसर्जन के साथ किया गया। इस दिन सुबह से विभिन्न मंडलों और घर घर में विराजित गणेश प्रतिमा स्थल पर धार्मिक आयोजन के साथ पुर्णाहुति की गई और शुभ मुहूर्त में गणेश प्रतिमाओं को विसर्जन के लिए बैण्डबाजों के साथ धूमधाम से ले जाया गया।
मोती सागर तालाब स्थित श्री चिंताहरण गणेश मंदिर पर विधि विधान पूर्वक प्रतिमाओं का पूजन भी किया गया, लेकिन प्रतिमाओं का विसर्जन प्रशासनिक व्यवस्थानुसार परसुखेड़ी स्थित तलाब ले जाकर किया गया।
तालाब में प्रदुषण रोकने के लिए जिला प्रशासन के निर्देशानुसार पिछले कुछ वर्षो से गणेश प्रतिमा विसर्जन के लिए नपा प्रशासन ने खासे इंतजाम किए, इसके लिए प्रशासन वहां मुस्तेद भी दिखाई दिया।
गणेश उत्सव महा पर्व के अंतिम दिन मोती सागर तालाब किनारे विराजे अति प्राचीन श्री चिन्ताहरण गणेश मंदिर पर प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी सार्वजनिक छप्पनभोग का आयोजन रखा गया। जहां घर घर से भोग के लिए प्रसाद पहुंचाया गया।
एक दिन पूर्व रात्रि से ही के कलाकारों द्वारा मंदिर को फूलों से सजाया, वहीं भगवान गजानन का विशेष चोला श्रृंगार भी किया गया।